टूटे हुए ख़्वाब
बचपन से माँ ने ख़्वाब दिये
बड़ी होकर तुम मेरी तरह
चुला - चौका मत करना
एक अपनी पहचान बना ना
आज भी वो बर्तन साफ करते वक्त
उन ख्वाबों को भी साफ करती है।
शायद आज भी उसे कोई
मोका मिल जाए।
~नंदिनी~
बचपन से माँ ने ख़्वाब दिये
बड़ी होकर तुम मेरी तरह
चुला - चौका मत करना
एक अपनी पहचान बना ना
आज भी वो बर्तन साफ करते वक्त
उन ख्वाबों को भी साफ करती है।
शायद आज भी उसे कोई
मोका मिल जाए।
~नंदिनी~
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